महर्षि जी ने 19 वीं सदी के छठवें दशक में भारत में एक सम्बोधन में आदर्श समाज निर्माण की बात की थी। वर्ष 1979 में महर्षि जी ने 108 देशों में किये गये परीक्षण के आधार पर भारत को वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित ‘आदर्श समाज निर्माण’ के एक कार्यक्रम से अनुग्रहीत किया था । 1 जून 1978 को यह निर्णय किया गया था कि संसार भर के 20 देशों के चयनित प्रांतों में ज्ञानयुग के प्रशासक (वरिष्ठ भावातीत ध्यान शिक्षक) एकत्रित हों । 2000 से अधिक प्रशासक इन प्रांतों में एवं राज्यों में एक ‘आदर्श प्रांत’ निर्माण के कार्यक्रम में प्रतिभागिता के लिए एकत्रा हुए । इसके अतिरिक्त अन्य प्रशासक इसी कार्यक्रम में भाग लेने के लिए संसार भर में 88 छोटे राष्ट्रों में भेजे गये, जिससे यह सिद्ध किया जा सके कि किसी भी राष्ट्र को अजेय बनाया जा सकता है एवं कुछ माहों के अंदर ही राष्ट्र को आदर्श समाज के स्तर पर लाया जा सकता है ।